जन संपर्क विभाग, सीतामढ़ीप्रेस विज्ञप्ति

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दिनांक: 8 फरवरी

पशुपालन एवं डेयरी विभाग भारत सरकार तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में जीव —जंतु कल्याण दिवस— सह— कार्यशाला एवं प्रतियोगिता का आयोजन सीतामढ़ी के अनुकूल नगर, खरका रोड स्थित गौशाला चौक में किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन उप विकास आयुक्त, सीतामढ़ी श्री मनन राम ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉक्टर प्रेम कुमार झा ने मुख्य अतिथि श्री मनन राम तथा मंच पर उपस्थित सभी पदाधिकारियों का स्वागत किया।

कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर प्रेम कुमार झा ने पशुपालन विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी और आज के कार्यक्रम के उद्देश्य और महत्त्व पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, कार्यशाला और प्रतियोगिता से संबंधित विस्तृत जानकारी भी साझा की।

कार्यशाला और प्रतियोगिता का आयोजन

कार्यक्रम में तकनीकी सत्र का आयोजन भी किया गया, जिसमें डॉक्टर अनिल, डॉक्टर हिमांशु राज, डॉक्टर पल्लवी और डॉक्टर अरुण ने महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। डॉक्टर हिमांशु ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के बारे में विचार व्यक्त किए। डॉक्टर अनिल कुमार ने एंटी प्लास्टिक अभियान और रेबीज रोधी टीकाकरण पर जानकारी दी, वहीं डॉक्टर पल्लवी ने ऑक्सीटोसिन के दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से बताया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री मनन राम ने अपने संबोधन में सभी प्राणियों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पशु कल्याण की दिशा में प्रभावी कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है और समाज के हर वर्ग को इस विषय पर जागरूक करना होगा। उन्होंने पशु कल्याण कानून की व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया और कहा कि जीव-जंतु कल्याण दिवस पशुओं की भावनाओं के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण मंच है।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने यह भी कहा कि पशुपालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाने की आवश्यकता है और इस दिशा में पशुपालकों को प्रोत्साहित किया।

विभिन्न विभागों के द्वारा लगाए गए स्टॉल

कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त और अन्य विभागीय अधिकारियों ने कृषि, जीविका, पशुपालन एवं अन्य विभागों से संबंधित विभिन्न स्टॉल्स का निरीक्षण किया। इन स्टॉल्स के माध्यम से विभागों ने अपनी योजनाओं और उपलब्धियों को दर्शाया। स्टॉल्स में लोगों ने कृषि, पशुपालन और अन्य संबंधित गतिविधियों के बारे में जानकारी प्राप्त की।

पशु प्रतियोगिता का आयोजन

कार्यक्रम के अंत में एक विशेष पशु प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न प्रखंडों से कुल 33 पशुपालकों ने अपनी गायों और बैल को लेकर भाग लिया। प्रतियोगिता में दुग्ध उत्पादन और नस्ल के आधार पर दो वर्गों में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

निर्णायक मंडल में डॉक्टर रामेश्वर प्रसाद, डॉक्टर राकेश कुमार, डॉक्टर विशेश्वर प्रसाद और डॉ. संतोष कुमार तिवारी ने अपनी भूमिका निभाई। इन विशेषज्ञों ने प्रतियोगिता में भाग ले रहे पशुओं का मूल्यांकन किया और विजेताओं का चयन किया।

धन्यवाद ज्ञापन और समापन

कार्यक्रम के समापन पर डॉक्टर कुशेश्वर चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया और सभी उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कार्यक्रम के सफल आयोजन में सहयोग देने के लिए सभी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया। विशेष रूप से, डॉक्टर इकरामउल्ला, डॉ. पवन कुमार, डॉ. शिशिर कुमार ठाकुर, श्री राम कुमार मिश्रा, श्री अमित कुमार आदि के योगदान को सराहा गया।

यह कार्यक्रम पशु कल्याण और पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। इसमें विभिन्न विभागों के अधिकारियों, विशेषज्ञों और पशुपालकों ने अपनी भागीदारी से इसे सफल बनाया।

इस तरह का आयोजन भविष्य में भी किए जाने की संभावना जताई गई, ताकि पशु कल्याण के प्रति लोगों में और अधिक जागरूकता फैले और पशुपालन के क्षेत्र में बेहतर कार्य हो सके।


ब्लॉग लेख: “सीतामढ़ी में जीव-जंतु कल्याण दिवस का आयोजन”

पशु कल्याण और पशुपालन से जुड़ी जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सीतामढ़ी में 8 फरवरी को एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन पशुपालन एवं डेयरी विभाग भारत सरकार और बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। यह आयोजन न केवल पशुपालन के महत्व को दर्शाता है, बल्कि समाज में जीव-जंतु कल्याण के प्रति संवेदनशीलता को भी बढ़ावा देने का एक प्रयास था।

कार्यक्रम की शुरुआत उप विकास आयुक्त श्री मनन राम द्वारा दीप प्रज्वलित करने से हुई। इसके बाद जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉक्टर प्रेम कुमार झा ने कार्यक्रम का परिचय दिया और इस अवसर पर पशुपालन विभाग द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं की जानकारी दी। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पशु कल्याण के प्रति जागरूकता फैलाना था, जिसके तहत कार्यशाला और प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था।

पशु कल्याण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी

कार्यक्रम में पशु कल्याण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों का आदान-प्रदान हुआ। डॉक्टर अनिल, डॉक्टर हिमांशु, डॉक्टर पल्लवी और डॉक्टर अरुण ने अपने विशेषज्ञता के क्षेत्र में जानकारी प्रदान की। डॉक्टर हिमांशु ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के बारे में विस्तार से बताया, जो पशुओं के प्रति क्रूरता और उनका शोषण रोकने के लिए बनाए गए कानूनों को लागू करता है। इसी प्रकार, डॉक्टर अनिल ने एंटी प्लास्टिक अभियान के महत्व और रेबीज रोधी टीकाकरण के बारे में जानकारी दी।

डॉक्टर पल्लवी ने ऑक्सीटोसिन के दुष्प्रभाव के बारे में बताया, जो पशुओं के लिए हानिकारक हो सकता है। इस जानकारी से पशुपालकों को अपने पशुओं की देखभाल में मदद मिली। मुख्य अतिथि श्री मनन राम ने अपने संबोधन में सभी प्राणियों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने पशु कल्याण कानून के प्रचार-प्रसार पर जोर दिया और इसे समाज में फैलाने की आवश्यकता जताई।

पशुपालन को व्यवसाय के रूप में अपनाने की आवश्यकता

कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी था कि उप विकास आयुक्त श्री मनन राम ने पशुपालन को एक व्यवसाय के रूप में अपनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि पशुपालन केवल एक पारंपरिक कार्य नहीं है, बल्कि इसे एक पेशेवर और व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए। इससे न केवल पशुपालकों की आय बढ़ेगी, बल्कि यह क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।

विभिन्न विभागों के स्टॉल और जानकारी

कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के स्टॉल्स लगाए गए थे, जहां लोगों को कृषि, पशुपालन, जीविका और अन्य क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी गई। उप विकास आयुक्त और अन्य अधिकारी इन स्टॉल्स का निरीक्षण करने पहुंचे और विभागों के द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की।

पशु प्रतियोगिता: एक उत्सव

कार्यक्रम के अंत में एक विशेष पशु प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले पशुओं का मूल्यांकन दुग्ध उत्पादन और नस्ल के आधार पर किया गया। इसमें 33 पशुपालकों ने भाग लिया, जो विभिन्न प्रखंडों से आए थे। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले पशुओं को पुरस्कार भी दिए गए।

निष्कर्ष

यह कार्यक्रम न केवल पशु कल्याण के प्रति जागरूकता फैलाने का एक प्रयास था, बल्कि यह सीतामढ़ी जिले में पशुपालन के महत्व को उजागर करने का एक अवसर भी था। पशुपालकों, अधिकारियों और विशेषज्ञों ने मिलकर इसे सफल बनाया। इस तरह के आयोजनों से भविष्य में पशुपालन के क्षेत्र में सुधार की उम्मीद जताई जा सकती है।

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