समाहरणालय सीतामढ़ी
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प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक: 06 फरवरी, 2024
सीतामढ़ी जिला के समाहरणालय में आज एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जिलाधिकारी श्री रिची पांडेय की अध्यक्षता में जिला आपूर्ति, सहकारिता, धान अधिप्राप्ति एवं सीएमआर की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। यह बैठक परिचर्चा भवन में आयोजित की गई, जिसमें कई वरिष्ठ अधिकारी और संबंधित विभागों के प्रतिनिधि मौजूद थे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य जिले के आपूर्ति कार्यों में सुधार, धान अधिप्राप्ति की स्थिति की समीक्षा और सीएमआर आपूर्ति के कार्यों को गति देना था।
बैठक की मुख्य बातें:
ई-केवाईसी की समीक्षा:
बैठक की शुरुआत में जिलाधिकारी श्री रिची पांडेय ने विभागों की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए ई-केवाईसी प्रक्रिया की प्रगति पर जोर दिया। उन्होंने विशेषकर तीन प्रमुख प्रखंडों—परिहार, रुन्नी सैदपुर, और सोनबरसा के प्रखंड आपूर्ति अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण करें और ई-केवाईसी के कार्यों में त्वरित प्रगति सुनिश्चित करें।
यह आदेश यह सुनिश्चित करने के लिए था कि सभी लाभार्थियों के पास ई-केवाईसी का अपडेटेड डेटा हो, जिससे आगे कोई समस्या न आए। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि सभी प्रखंड आपूर्ति अधिकारियों, अनुमंडल आपूर्ति पदाधिकारियों और जिला आपूर्ति अधिकारियों को पीडीएफ “परख” ऐप के माध्यम से विक्रेताओं की जांच करने के निर्देश दिए गए। इसका उद्देश्य यह था कि विक्रेताओं की जानकारी और उनके द्वारा की गई आपूर्ति सही तरीके से जांची जाए।
राशन कार्डों का निष्पादन:
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि जो राशन कार्ड समयसीमा से बाहर हो चुके हैं, उनका शीघ्र निष्पादन किया जाए। यह आदेश राशन कार्ड धारकों को समय पर राशन वितरण सुनिश्चित करने के लिए दिया गया था।
गेहूं के स्टॉक की जांच:
बैठक में गेहूं ट्रेडर्स का निरीक्षण करने की बात भी उठी। जिलाधिकारी ने प्रखंड आपूर्ति अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे हर महीने गेहूं के स्टॉक की जांच करें और इस काम में निर्धारित लक्ष्य के 20% की जांच सुनिश्चित करें। यह कदम गेहूं के वितरण की पारदर्शिता को बढ़ाने के लिए था।
धान अधिप्राप्ति की स्थिति:

धान अधिप्राप्ति और सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) की स्थिति की भी गहन समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि अब तक 7235 किसानों से 49,496 मीट्रिक टन धान क्रय किया जा चुका है, जो लक्ष्य (79,056 मीट्रिक टन) का 62.61% है। इसके साथ ही 6782 किसानों का भुगतान भी उनके बैंक खातों में किया जा चुका है, जो कुल भुगतान का 93.71% है।
यह जानकारी दी गई कि इस समय तक कुल 49,496 मीट्रिक टन धान का सीएमआर समकक्ष 33,993 मीट्रिक टन होता है, जिसमें से 12,296 मीट्रिक टन राज्य खाद्य निगम को आपूर्ति किया जा चुका है। यह आपूर्ति सीएमआर का 36.17% है।
फसल सत्यापन और लक्ष्य वृद्धि:
जिलाधिकारी ने किसानों के पास उपलब्ध धान का भौतिक सत्यापन करने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक धान क्रय किया जा सके और लक्ष्य को बढ़ाया जा सके। यह कदम किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुंचाने के लिए था, जिससे जिले में खाद्यान्न की कमी न हो।
सीएमआर आपूर्ति में समस्या:
बैठक के दौरान तेज नारायण राइस मिल द्वारा धीमी गति से सीएमआर आपूर्ति करने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि धीमी गति से आपूर्ति करने के कारण धान अधिप्राप्ति में रुकावट आ रही है, और इसे शीघ्र सुधारने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी ने संबंधित राइस मिल को अंतिम स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया, ताकि आपूर्ति की गति बढ़ाई जा सके और धान अधिप्राप्ति की प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।
बैठक में उपस्थित अधिकारी:
बैठक में जिला आपूर्ति अधिकारी, जिला सहकारिता पदाधिकारी, प्रभारी प्राधिकारी एसएफसी, सभी अनुमंडल अधिकारी, सभी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी, और अनुमंडल आपूर्ति पदाधिकारी सहित अन्य कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
निष्कर्ष:
यह बैठक जिले के विभिन्न विभागों के बीच तालमेल और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण थी। जिलाधिकारी श्री रिची पांडेय द्वारा दिए गए निर्देशों को सभी संबंधित अधिकारियों द्वारा शीघ्र और प्रभावी रूप से लागू करने का आश्वासन दिया गया। इस बैठक के माध्यम से जिले में खाद्यान्न वितरण और धान अधिप्राप्ति के कार्यों को तेज करने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि जिले के नागरिकों को समय पर और पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न मिल सके।