तेजस्वी यादव: सच्चे जनसेवक

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बिहार की राजनीति में अक्सर ऐसे नेता मिलते हैं, जो चुनावों के दौरान मुस्लिम समाज के रहनुमा बनने का दावा करते हैं, लेकिन चुनावी मौसम खत्म होते ही उनकी आवाज गायब हो जाती है। यही नेता चुनावी मंचों से बड़े-बड़े वादे करते हैं, लेकिन जैसे ही प्रशासनिक जुल्म और सितम मुस्लिम समाज पर टूटता है, ये वही नेता मौन हो जाते हैं। इस कटु सत्य को बिहार के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाता है कि कई राजनीतिक दल मुस्लिम वोट बैंक का इस्तेमाल तो करते हैं, लेकिन उनके दुख-दर्द में खड़े नहीं होते। हालांकि, इस कड़ी में एक नेता ऐसा है, जिन्होंने इस मिथक को तोड़ा है और वह हैं राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव।

तेजस्वी यादव का चुनावी वादा

तेजस्वी यादव ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान जनता से एक अहम वादा किया था, जो आज भी समाज के दिलों में गूंजता है। उनका कहना था कि “जहां कोई दुख-दर्द में पूछने नहीं आएगा, वहां तेजस्वी खुद पहुंचेंगे और ज़ख्मों पर मरहम लगाएंगे।” यह केवल एक चुनावी वादा नहीं था, बल्कि इस वादे को उन्होंने सच्चाई में बदलकर दिखाया। उनकी यह बात हाल ही में बेनीपट्टी के कटैया गांव में हुए एक घटना के बाद पूरी तरह से सही साबित हो गई।

बेनीपट्टी का कटैया गांव और तेजस्वी यादव की संवेदनशीलता

बेनीपट्टी के कटैया गांव में पुलिस प्रशासन की बर्बरता का शिकार हुए मौलाना फिरोज से मिलने के लिए तेजस्वी यादव पटना से दौड़े-दौड़े पहुंचे। कटैया गांव में पुलिस ने जो बर्बरता दिखाई, वह न केवल स्थानीय नागरिकों के लिए, बल्कि पूरे बिहार के लिए एक शर्मनाक घटना थी। इस घटना के विरोध में तेजस्वी यादव ने न केवल पीड़ित से मुलाकात की, बल्कि उन्होंने इस अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज भी उठाई।

यह घटना बिहार की राजनीति में एक नया मोड़ साबित हुई, क्योंकि यह साबित कर दिया कि तेजस्वी यादव एक नेता नहीं, बल्कि एक सच्चे जनसेवक हैं। कटैया गांव में जो कुछ भी हुआ, उस पर गहरी संवेदनशीलता दिखाते हुए तेजस्वी ने इस अन्याय का विरोध किया और पीड़ित परिवार से दिल से जुड़कर उनके साथ खड़े रहे।

तेजस्वी यादव का नेतृत्व

राजद के राज्य परिषद सदस्य आफताब आलम मिंटू ने इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि यह एक सच्चे जनसेवक की पहचान है। उनका कहना था कि “जो नेता अपने वचनों को निभाता है, वही जनता के दिलों में बसता है। तेजस्वी यादव का यह प्रयास समाज के उन तबकों को ताकत देगा, जो अक्सर अन्याय और उत्पीड़न के शिकार होते हैं।” आफताब आलम मिंटू की यह टिप्पणी तेजस्वी यादव के नेतृत्व और उनके जनसेवा के प्रति समर्पण को सही साबित करती है।

चुनावी छलावा और तेजस्वी यादव का वास्तविक योगदान

बिहार की राजनीति में यह घटना एक महत्वपूर्ण संदेश देती है। जनता को यह समझना होगा कि उनके असली हितैषी कौन हैं और कौन केवल चुनावी मौसम में उनकी भावनाओं के साथ खेलता है। तेजस्वी यादव का यह मानवीय दृष्टिकोण और संवेदनशीलता उन्हें अन्य नेताओं से अलग बनाती है। चुनावी मौसम में नेता अपने वादों को पूरा करने का दावा करते हैं, लेकिन चुनाव जीतने के बाद अधिकांश नेताओं के पास इन वादों को निभाने का समय नहीं होता। इसके उलट, तेजस्वी यादव ने चुनावी वादे को पूरा कर के यह साबित किया कि वह केवल एक चुनावी नेता नहीं हैं, बल्कि एक सच्चे जनसेवक हैं जो आम जनता के साथ खड़े रहते हैं।

बुरे वक्त में सेवा का असली अर्थ

इस घटना ने तेजस्वी यादव के चरित्र को और भी स्पष्ट किया है। एक सच्चे जनसेवक का मतलब केवल सत्ता में आकर लोगों को राहत देना नहीं होता, बल्कि जब कोई समाज संकट में होता है, तब उस संकट में खड़ा होना होता है। बेनीपट्टी की घटना में तेजस्वी यादव ने यह साबित किया कि वह बुरे वक्त में न केवल जनता के साथ खड़े रहते हैं, बल्कि वह तत्काल और प्रभावी कार्रवाई करने के लिए तत्पर रहते हैं। यह उदाहरण आज के नेताओं के लिए एक सीख है कि राजनीति केवल सत्ता की भूख नहीं, बल्कि समाज की सेवा और न्याय की राह भी हो सकती है।

तेजस्वी यादव का भविष्य और जनता का साथ

तेजस्वी यादव का यह कदम उन नेताओं के लिए एक बड़ा संदेश है जो मुस्लिम समाज के वोटों के लिए उनके रहनुमा बनने का दावा करते हैं, लेकिन जब समाज को उनके समर्थन की जरूरत होती है, तब वे चुप रहते हैं। तेजस्वी यादव ने यह सिद्ध कर दिया कि वह किसी चुनावी झूठ या छलावे का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए एक सच्चे नेता हैं। उनका यह कदम भविष्य में और भी नेताओं के लिए मार्गदर्शन बनेगा, जो समाज की सेवा करने के बजाय सत्ता की ओर दौड़ते हैं।

यह घटना उन तमाम राजनीतिक दलों के लिए एक आईना है जो केवल मुस्लिम समाज के वोटों के लिए उनके रहनुमा बनने का दावा करते हैं, लेकिन जब प्रशासन का जुल्म उन पर टूटता है, तो वे चुप्पी साध लेते हैं। तेजस्वी यादव ने इस धारणा को चुनौती देकर दिखाया कि राजनीति केवल सत्ता की भूख नहीं, बल्कि सेवा और न्याय की राह भी हो सकती है।

तेजस्वी यादव के प्रति समाज का आभार

आफताब आलम मिंटू का कहना है, “तेजस्वी जी बुरे वक्त में आपने जो आकर हौसला दिया है, यह समाज समय आने पर आपके हर क़दम पर साथ खड़ा रहेगा।” इस बयान में समाज की पूरी उम्मीद और आभार निहित है। यह साबित करता है कि जब समाज के लिए सही काम किया जाता है, तो जनता का विश्वास और समर्थन नेताओं के साथ हमेशा होता है। तेजस्वी यादव का यह प्रयास समाज के उन तबकों को ताकत देगा, जो अक्सर अन्याय और उत्पीड़न के शिकार होते हैं।

निष्कर्ष

तेजस्वी यादव का यह कदम बिहार की राजनीति में एक नया उदाहरण पेश करता है कि कैसे एक नेता चुनावी वादों से परे जाकर समाज की वास्तविक समस्याओं का समाधान करने के लिए तत्पर रहता है। उनका यह दृष्टिकोण और कार्यशैली उन्हें बिहार की राजनीति में एक सच्चे जनसेवक के रूप में स्थापित करता है। तेजस्वी यादव ने यह साबित कर दिया कि राजनीति केवल सत्ता की प्राप्ति नहीं, बल्कि समाज की सेवा का माध्यम भी हो सकता है। अब यह जनता पर निर्भर है कि वे ऐसे नेताओं का समर्थन करें जो न केवल चुनावी मौसम में बल्कि हर समय उनके साथ खड़े रहें।

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