जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय ने डुमरा स्थित बाल गृह का निरीक्षण कर बच्चों के कल्याण हेतु दिए महत्वपूर्ण निर्देश!

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समाज में बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाना और उन्हें एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी होती है। इसी कड़ी में, जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय ने डुमरा स्थित बाल गृह एवं विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान का निरीक्षण कर बच्चों के जीवन स्तर को सुधारने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए कई अहम कदम उठाए।


निरीक्षण का उद्देश्य

इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य बाल गृह में आवासित बच्चों की जीवनशैली, उनकी दिनचर्या, खानपान, स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा करना था। साथ ही, उन बच्चों के पुनर्वासन की प्रक्रिया को गति देना था, जो लंबे समय से बाल गृह में रह रहे हैं।


बच्चों से संवाद

जिलाधिकारी ने बाल गृह में रह रहे बच्चों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की। उन्होंने बच्चों से उनके रहन-सहन, पढ़ाई-लिखाई, और दिनचर्या से संबंधित सवाल पूछे। बच्चों के जवाबों से उन्होंने उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को समझा। यह संवाद न केवल बच्चों के लिए प्रोत्साहन का माध्यम बना, बल्कि उनके जीवन में सुधार लाने के लिए प्रशासनिक कदम उठाने का आधार भी बना।


पुनर्वासन के निर्देश

जिलाधिकारी ने उन बच्चों के पुनर्वासन पर जोर दिया, जो लंबे समय से बाल गृह में रह रहे हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि स्थानीय अखबारों में सूचना प्रकाशित कर बच्चों के परिवारों का पता लगाया जाए। इसके लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को शीघ्रता से पूरा करने का भी आदेश दिया।


मनोरंजन और खानपान व्यवस्था

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों के मनोरंजन और खानपान की स्थिति का भी जायजा लिया। उन्होंने बच्चों के लिए बेहतर मनोरंजन साधन उपलब्ध कराने और उनके भोजन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए कई सुझाव दिए। विशेष रूप से, उन्होंने रसोई घर का निरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया कि बच्चों को पौष्टिक और स्वच्छ भोजन मिले।


स्वास्थ्य और स्वच्छता पर ध्यान

जिलाधिकारी ने बच्चों के स्वास्थ्य और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की बात कही। उन्होंने ठंड के मौसम को ध्यान में रखते हुए बच्चों के लिए कंबल, मोजे और गर्म कपड़ों की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, शौचालय और अन्य स्थानों की साफ-सफाई सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया।


नव वर्ष की बधाई और उपहार वितरण

निरीक्षण के अंत में जिलाधिकारी ने बच्चों को नव वर्ष की बधाई दी और उपहार स्वरूप कॉपी, कलम, चॉकलेट आदि का वितरण किया। यह कदम बच्चों के मनोबल को बढ़ाने और उन्हें यह महसूस कराने के लिए था कि समाज और प्रशासन उनके साथ है।


सहायक निदेशक और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति

निरीक्षण के दौरान सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई, श्री लाल कृष्ण राय और अन्य अधिकारी एवं कर्मी भी मौजूद थे। उन्होंने जिलाधिकारी के निर्देशों को गंभीरता से लिया और उन्हें लागू करने की प्रक्रिया शुरू की।


जिलाधिकारी की अपील

जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से अपील की कि वे बच्चों के कल्याण के लिए अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें। उन्होंने कहा कि बच्चों का बेहतर भविष्य सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।


निष्कर्ष

जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय का यह निरीक्षण न केवल बच्चों के जीवन में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह समाज को यह संदेश भी देता है कि बच्चों का कल्याण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस प्रकार की पहल से न केवल बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी आता है।

सुझाव और भविष्य की दिशा

आशा है कि जिलाधिकारी के निर्देशों के तहत बाल गृह में सुधार की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ेगी। इसके साथ ही, यह भी महत्वपूर्ण है कि इस प्रकार के निरीक्षण नियमित रूप से किए जाएं ताकि बच्चों के जीवन में स्थायी सुधार लाया जा सके।

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