शिक्षा किसी भी समाज की नींव होती है। यह न केवल व्यक्ति के भविष्य को आकार देती है, बल्कि देश के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। लेकिन, जब शिक्षा व्यवस्था ध्वस्त हो जाए और परीक्षा प्रणाली भ्रष्ट हो, तो यह पूरे समाज के लिए एक गंभीर खतरा बन जाता है। इसी समस्या के खिलाफ प्रशांत जी ने पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन शुरू किया है।
ध्वस्त शिक्षा व्यवस्था का विश्लेषण
शिक्षा में गिरावट के कारण
आज की शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता का अभाव है। शिक्षकों की कमी, बुनियादी ढांचे की समस्याएं, और सरकारी उपेक्षा ने इसे बदतर बना दिया है।
सरकारी उपेक्षा और परिणाम
सरकार की नीतियां शिक्षा को प्राथमिकता नहीं देतीं, जिसके कारण छात्रों को उचित संसाधन नहीं मिल पाते।
भ्रष्ट परीक्षा प्रणाली की समस्या

परीक्षा में धांधली के मामले
परीक्षा प्रणाली में भ्रष्टाचार ने छात्रों के सपनों को चूर-चूर कर दिया है। नकली प्रमाण पत्र और पेपर लीक जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
छात्रों के भविष्य पर प्रभाव
भ्रष्टाचार के कारण मेहनती छात्रों को उनके हक से वंचित रहना पड़ता है।
प्रशांत जी का संघर्ष
आंदोलन की शुरुआत
प्रशांत जी ने इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और आमरण अनशन का रास्ता चुना।
गांधी मैदान का महत्व
गांधी मैदान हमेशा से आंदोलनों का केंद्र रहा है। यह स्थान आज भी न्याय की लड़ाई का प्रतीक है।
निष्कर्ष
यह आंदोलन केवल प्रशांत जी का नहीं, बल्कि हर छात्र का है। आपकी सक्रिय भागीदारी से ही इस लड़ाई को मजबूती मिलेगी।
FAQs
1. आमरण अनशन का उद्देश्य क्या है?
छात्रों की समस्याओं को उजागर करना और शिक्षा में सुधार की मांग करना।
2. मैं इस आंदोलन का हिस्सा कैसे बन सकता हूं?
पटना गांधी मैदान पहुंचकर और सोशल मीडिया पर समर्थन देकर।
3. भ्रष्ट परीक्षा प्रणाली के खिलाफ क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
पारदर्शिता बढ़ाने और कड़ी निगरानी की व्यवस्था।
4. गांधी मैदान का ऐतिहासिक महत्व क्या है?
यह कई आंदोलनों का केंद्र रहा है और न्याय की लड़ाई का प्रतीक है।
5. इस आंदोलन से छात्रों को क्या लाभ होगा?
शिक्षा में सुधार और भ्रष्टाचार का अंत।