सीतामढ़ी जिले के अंतर्गत केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को पंचायत स्तर पर जनता तक प्रभावी रूप से पहुंचाने के लिए GPPFT (ग्राम पंचायत प्लानिंग फोरम टीम) का गठन किया जा रहा है। यह पहल पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से की जा रही है। इसका उद्देश्य पंचायत विकास को एक संगठित और समन्वित दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ाना है।
12 दिसंबर 2024 को, डुमरा प्रखंड के मुरादपुर पंचायत, परसौनी प्रखंड के परसौनी मेलवार और गीसारा पंचायत, तथा सुरसंड प्रखंड के बघारी पंचायत में पंचायत भवनों में बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों की अध्यक्षता संबंधित पंचायतों के मुखिया ने की, जिसमें पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधियों और पंचायत के विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक के मुख्य बिंदु और उद्देश्य
बैठक में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई:
- GPPFT के गठन का उद्देश्य
- पंचायत स्तर पर विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित करना।
- पंचायत विकास योजना (GPDP) में स्थानीय आवश्यकताओं और प्राथमिकताओं को समाहित करना।
- सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए प्रभावी रणनीति बनाना।
- पंचायत के विकास के लिए थीमों का चयन
- पंचायत के विकास हेतु विभिन्न थीमों का चयन किया गया, जैसे:
- शिक्षित पंचायत
- फाइलेरिया मुक्त पंचायत
- घरेलू प्रसव मुक्त पंचायत
- स्वस्थ पंचायत
- पंचायत के विकास हेतु विभिन्न थीमों का चयन किया गया, जैसे:
- VHSNC और जन आरोग्य समिति का सशक्तिकरण
- स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए VHSNC (Village Health Sanitation and Nutrition Committee) और जन आरोग्य समिति को सुचारू रूप से चलाने पर जोर दिया गया।
- सर्व जन दवा सेवन कार्यक्रम की तैयारी
- फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्व जन दवा सेवन कार्यक्रम की योजना बनाई गई।
- पंचायत के सभी योग्य नागरिकों को दवा सेवन के लिए जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया।
बैठक में शामिल प्रमुख प्रतिभागी
बैठक में पंचायत के विभिन्न विभागों और संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे, जिनमें शामिल थे:
- आशा कार्यकर्ता
- आंगनवाड़ी सेविकाएं
- सभी विद्यालयों के प्रधानाध्यापक
- पंचायत सचिव
- सभी वार्ड सदस्य
- टोला सेवक
- स्वच्छता दूत
- जीविका समूह के सदस्य
- किसान सलाहकार
- ग्रामीण आवास सहायक
- पंचायत रोजगार सेवक
- वरिष्ठ नागरिक और अन्य विभागीय प्रतिनिधि
इन सभी प्रतिभागियों ने पंचायत के विकास और जनता की बेहतरी के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
पंचायत विकास योजना (GPDP) का महत्व

GPDP (Gram Panchayat Development Plan) का उद्देश्य पंचायत के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है। इसके तहत, विभिन्न विभागों के सहयोग से पंचायत के लिए एक व्यापक विकास योजना तैयार की जाती है। इस योजना में स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वच्छता, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाती है।
मुख्य थीमों का चयन
बैठक में पंचायत विकास के लिए निम्नलिखित थीमों को प्राथमिकता दी गई:
- शिक्षित पंचायत
- सभी बच्चों को स्कूल में दाखिला दिलाने और स्कूल छोड़ने की दर को कम करने पर जोर।
- वयस्क साक्षरता कार्यक्रमों को बढ़ावा देना।
- फाइलेरिया मुक्त पंचायत
- फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत दवा सेवन को बढ़ावा देना।
- फाइलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाना।
- घरेलू प्रसव मुक्त पंचायत
- गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में प्रसव के लिए प्रेरित करना।
- आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना।
- स्वस्थ पंचायत
- स्वच्छता और पोषण पर विशेष ध्यान।
- शुद्ध पेयजल और साफ-सफाई की व्यवस्था।
सर्व जन दवा सेवन कार्यक्रम: एक सामूहिक प्रयास
फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी को समाप्त करने के लिए 10 फरवरी से सर्व जन दवा सेवन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके तहत:
- सभी योग्य नागरिकों को दवा सेवन के लिए प्रेरित किया जाएगा।
- आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मचारी घर-घर जाकर दवा वितरित करेंगे।
- पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
पंचायत विकास में सामूहिक भागीदारी का महत्व
पंचायत का समग्र विकास तभी संभव है जब सभी विभाग और स्थानीय लोग मिलकर काम करें। इस संदर्भ में GPPFT का गठन एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फोरम पंचायत के सभी प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाता है, जहां वे सामूहिक रूप से विकास योजनाओं पर चर्चा और निर्णय ले सकते हैं।
सभी विभागों के समन्वय का महत्व
- शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, और रोजगार जैसे क्षेत्रों में बेहतर परिणाम तभी मिल सकते हैं जब सभी विभाग एकजुट होकर काम करें।
- GPPFT इस समन्वय को सुनिश्चित करता है।
निष्कर्ष
सीतामढ़ी जिले में GPPFT फोरम का गठन पंचायत विकास की दिशा में एक सकारात्मक पहल है। यह न केवल सरकारी योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने में मदद करेगा, बल्कि पंचायतों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने में भी सहायक होगा।
इस पहल के तहत, जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करने, स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर को सुधारने, और समग्र पंचायत विकास को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
पंचायत स्तर पर इस प्रकार की सामूहिक भागीदारी और समन्वय अन्य जिलों और राज्यों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है। यह पहल न केवल सीतामढ़ी बल्कि पूरे देश के पंचायत विकास में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।