सीतामढ़ी, बिहार:
बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद और सीतामढ़ी वन प्रमंडल के संयुक्त तत्वावधान में एन०एस०डी०ए०भी० पब्लिक स्कूल, डुमरा, सीतामढ़ी में जैव विविधता प्रबंधन समितियों के अध्यक्षों, सचिवों, और सदस्यों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य ग्राम पंचायत, प्रखंड, और जिला स्तर पर गठित जैव विविधता प्रबंधन समितियों की क्षमता को सशक्त बनाना और उन्हें स्थानीय जैव विविधता संरक्षण में प्रभावी भूमिका निभाने के लिए प्रशिक्षित करना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन और अतिथि परिचय
कार्यक्रम का उद्घाटन पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के माननीय मंत्री डॉ. प्रेम कुमार के दिशा-निर्देश में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में श्री हेमकांत राय, संयुक्त निदेशक, बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद, और विशिष्ट अतिथि श्री रिची पांडेय, जिला पदाधिकारी, सीतामढ़ी उपस्थित थे। इनके साथ उप निदेशक श्री मिहिर कुमार झा, वन प्रमंडल पदाधिकारी डॉ. अमिता राज, और एन०एस०डी०ए०भी० पब्लिक स्कूल के प्राचार्य श्री कुअर सिंह ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यशाला की मुख्य गतिविधियां
कार्यशाला में सीतामढ़ी वन प्रक्षेत्र के पांच प्रखंडों के जैव विविधता प्रबंधन समितियों के कुल 80 अध्यक्षों, सचिवों, और सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान विभिन्न सत्रों के माध्यम से जैव विविधता संरक्षण, प्रबंधन, और स्थानीय स्तर पर इसके महत्व के बारे में गहन जानकारी दी गई।
जैव विविधता रजिस्टर पर चर्चा
सत्र के दौरान जैव विविधता रजिस्टर के महत्व और इसे तैयार करने की प्रक्रिया पर विस्तार से चर्चा की गई। बताया गया कि पंचायत स्तर पर जैव विविधता रजिस्टर तैयार करना क्यों आवश्यक है और इसमें किन प्रमुख तत्वों को शामिल किया जाना चाहिए।
स्थानीय जैव विविधता का महत्व

सीतामढ़ी जिले की विशिष्ट जैव विविधता, जिसमें कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, और भौगोलिक विशेषताएं शामिल हैं, पर भी गहन चर्चा की गई। प्रतिभागियों को बताया गया कि कैसे स्थानीय जैव विविधता न केवल पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में सहायक है, बल्कि यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाती है।
संरक्षण के लिए मार्गदर्शन
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने जैव विविधता प्रबंधन और संरक्षण के विभिन्न पहलुओं पर मार्गदर्शन दिया। पंचायतों में प्रकृति महत्व के भूखंडों, झीलों, नदी तटों, और विलक्षण कृषि स्थलों की पहचान और संरक्षण के उपायों पर चर्चा की गई।
जैव विविधता संरक्षण के लिए सरकारी प्रतिबद्धता
बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद ने राज्य की सभी जैव विविधता प्रबंधन समितियों को सशक्त बनाने और उन्हें सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के साथ-साथ पंचायतीराज, कृषि, और पशुपालन विभागों के सहयोग से समितियों को आवश्यक संसाधन और प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
कार्यशाला की उपलब्धियां
कार्यशाला में प्रतिभागियों ने न केवल जैव विविधता के संरक्षण और प्रबंधन के तकनीकी पहलुओं को समझा, बल्कि उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में इसे प्रभावी ढंग से लागू करने का संकल्प भी लिया। इस आयोजन ने जैव विविधता संरक्षण की दिशा में सीतामढ़ी जिले को एक नई दिशा प्रदान की है।
निष्कर्ष
यह कार्यशाला बिहार राज्य जैव विविधता पर्षद और सीतामढ़ी वन प्रमंडल की संयुक्त पहल का एक आदर्श उदाहरण है। इस तरह के कार्यक्रम न केवल स्थानीय स्तर पर जागरूकता बढ़ाते हैं, बल्कि समुदाय को जैव विविधता संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित भी करते हैं।
आशा है कि इस तरह के प्रयासों से न केवल सीतामढ़ी, बल्कि पूरे बिहार में जैव विविधता संरक्षण को एक नई ऊंचाई मिलेगी।