सीतामढ़ी के 32 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन!

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शिविर का आयोजन और उसका महत्व
इस स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन दो चरणों में किया गया। बुधवार को 15 विद्यालयों में शिविर लगाया गया और शेष 17 विद्यालयों में गुरुवार को शिविर आयोजित किया गया। इस पहल के तहत छात्राओं की हीमोग्लोबिन जांच, नेत्र जांच, वजन जांच के साथ-साथ टेटनस और डिप्थीरिया से बचाव हेतु टीकाकरण किया गया।

छात्राओं को माहवारी स्वच्छता और स्वास्थ्य से संबंधित परामर्श भी दिया गया। इस दौरान पिरामल फाउंडेशन के दुर्गा प्रसाद सिंह ने एनीमिया के लक्षण, रोकथाम और उपचार पर जानकारी दी। साथ ही, उन्हें संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली के महत्व के बारे में भी शिक्षित किया गया।

कार्यक्रम में सहयोग और अवलोकन
पिरामल फाउंडेशन की टीम ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रोग्राम लीड दुर्गा प्रसाद सिंह ने योगवाना बथनाहा के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक निरंजन कुमार के साथ शिविर का अवलोकन किया। उन्होंने छात्राओं और शिक्षकों के साथ बातचीत की और कार्यक्रम के उद्देश्यों को स्पष्ट किया।

छात्राओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान
शिविर में छात्राओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया गया। एनीमिया जैसी समस्या, जो भारत में किशोरियों के बीच आम है, पर चर्चा की गई। छात्राओं को बताया गया कि हीमोग्लोबिन की कमी से थकान, कमजोरी और पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है। इसे संतुलित आहार और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से नियंत्रित किया जा सकता है।

फाइलेरिया उन्मूलन पर जागरूकता
शिविर के दौरान फाइलेरिया उन्मूलन के लिए आगामी सर्व जन दवा सेवन अभियान के बारे में भी जानकारी दी गई। छात्राओं से आग्रह किया गया कि वे न केवल स्वयं दवा का सेवन करें, बल्कि अपने परिवारजनों को भी इसके लिए प्रेरित करें।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था। माहवारी स्वच्छता के महत्व पर चर्चा करते हुए उन्हें स्वच्छता बनाए रखने के तरीकों के बारे में बताया गया। इसके साथ ही, पौष्टिक आहार और नियमित व्यायाम की आवश्यकता पर जोर दिया गया।

शिविर के प्रभाव
इस स्वास्थ्य जांच शिविर ने छात्राओं को न केवल उनके स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया, बल्कि उन्हें स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित भी किया। कार्यक्रम के दौरान मिली जानकारी से छात्राएं अपनी दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।

निष्कर्ष
सीतामढ़ी जिले में आयोजित यह स्वास्थ्य जांच शिविर एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल छात्राओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होगा, बल्कि उनके माध्यम से पूरे समाज में जागरूकता फैलाने में भी मदद करेगा। इस प्रकार के कार्यक्रमों की निरंतरता से न केवल स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान होगा, बल्कि एक स्वस्थ और जागरूक समाज का निर्माण भी होगा।

अंतिम शब्द
स्वास्थ्य विभाग और पिरामल फाउंडेशन की इस पहल ने यह साबित किया कि यदि सही दिशा में प्रयास किए जाएं, तो छात्राओं के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं। इस तरह के कार्यक्रमों से न केवल छात्राओं को, बल्कि उनके परिवारों और समुदाय को भी लाभ मिलेगा।

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