समाहरणालय सीतामढ़ी में ‘सुरक्षित इंटरनेट दिवस’ पर कार्यशाला आयोजित

admin

प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक – 11 फरवरी 2025

सीतामढ़ी जिले के समाहरणालय स्थित एनआईसी कक्ष में ‘सुरक्षित इंटरनेट दिवस’ के अवसर पर एक महत्वपूर्ण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिले के सभी कर्मचारियों को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला का आयोजन जिला सूचना विज्ञान पदाधिकारी श्री मुकेश कुमार झा द्वारा किया गया। श्री झा ने पीपीटी (पावरपॉइंट प्रजेंटेशन) के माध्यम से इंटरनेट की सुरक्षा के महत्वपूर्ण पहलुओं को सभी कर्मचारियों तक पहुँचाया।

साइबर क्राइम, साइबर सिक्योरिटी और फिशिंग साइबर अटैक पर चर्चा

कार्यशाला में विशेष रूप से साइबर क्राइम, साइबर सिक्योरिटी, और फिशिंग साइबर अटैक पर ध्यान केंद्रित किया गया। श्री मुकेश कुमार झा ने इन खतरों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि इंटरनेट पर बढ़ते साइबर अपराधों के कारण लोगों को सुरक्षित इंटरनेट प्रयोग के प्रति जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। साइबर अपराधी विभिन्न तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश करते हैं, जैसे कि बैंक ऑफर, क्रेडिट कार्ड स्कैम, बीमा योजनाओं का लालच देना और डिजिटल अरेस्ट की धमकी देना।

उन्होंने बताया कि इंटरनेट पर कुछ लोग इसे दुरुपयोग करते हैं और लोगों को धोखा देकर उनका व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने इस प्रकार के अपराधों से बचने के उपायों के बारे में भी जानकारी दी। श्री झा ने कहा, “हम सभी को इंटरनेट का उपयोग करते समय सतर्क रहना चाहिए और किसी भी संदिग्ध लिंक या जानकारी से दूर रहना चाहिए। किसी भी प्रकार की अनजान सूचना से बचना चाहिए, क्योंकि साइबर अपराधी इसको अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।”

सुरक्षित इंटरनेट के उपयोग के उपाय

कार्यशाला में यह भी बताया गया कि इंटरनेट का सही तरीके से उपयोग कर हम न केवल खुद को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि डिजिटल दुनिया का लाभ भी उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि इंटरनेट का सदुपयोग करके कई लोग व्यक्तिगत और व्यवसायिक जीवन में महत्वपूर्ण प्रगति कर रहे हैं। इसके बावजूद, हमें अपनी जानकारी को हमेशा सुरक्षित रखना चाहिए।

श्री झा ने कार्यशाला में बताया कि विभाग समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी करता रहता है, और हमें उनका पालन करना चाहिए ताकि हम सुरक्षित रह सकें। उन्होंने सभी कर्मचारियों से अपील की कि वे सुरक्षित इंटरनेट के प्रयोग में एक दूसरे का मार्गदर्शन करें। उन्होंने यह भी कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर विभागीय स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि सभी कर्मचारियों को इन खतरों से बचाया जा सके।

साइबर सुरक्षा के उपायों पर चर्चा

श्री झा ने साइबर सुरक्षा के कुछ महत्वपूर्ण उपायों पर भी चर्चा की। उन्होंने कर्मचारियों को सलाह दी कि वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी जैसे बैंक खाता विवरण, पासवर्ड, पिन नंबर आदि को किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ साझा न करें। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि हर किसी को अपने कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस पर अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर का उपयोग करना चाहिए और नियमित रूप से डिवाइस की सुरक्षा जांच करनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि फिशिंग साइबर अटैक में सबसे अधिक खतरा होता है, जिसमें अपराधी किसी और के रूप में सामने आते हैं और उपयोगकर्ता से व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए उन्होंने कर्मचारियों को संदिग्ध ईमेल या लिंक से दूर रहने और केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही लिंक और ईमेल खोलने की सलाह दी।

कार्यशाला में उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

इस कार्यशाला में एनआईसी के नेटवर्क इंजीनियर श्री सूरज कुमार, बिस्वान से श्री संजय कुमार, श्री अनिल कुमार, आईटी असिस्टेंट श्री राकेश कुमार के साथ कार्यपालक सहायक श्री दीपक कुमार, श्री राज किशोर शाह, श्री मनीष कुमार, श्री हैदर अली सहित कई अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति उपस्थित थे। सभी ने इस कार्यशाला में भाग लिया और इंटरनेट की सुरक्षा के महत्व को समझा।

समापन और भविष्य की दिशा

कार्यशाला के समापन के दौरान श्री मुकेश कुमार झा ने सभी कर्मचारियों से यह अपील की कि वे इंटरनेट का उपयोग करते समय सभी सुरक्षा उपायों को अपनाएं और दूसरों को भी इसके प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा, “इंटरनेट आज के समय में हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। यदि हम इसे सही तरीके से उपयोग करें तो यह हमें नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में मदद कर सकता है, लेकिन यदि हम लापरवाह होते हैं तो इससे होने वाले नुकसान की संभावना भी बहुत अधिक है।”

उन्होंने इस कार्यशाला के आयोजन के लिए समाहरणालय और एनआईसी की टीम का आभार व्यक्त किया और भविष्य में ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस प्रकार, ‘सुरक्षित इंटरनेट दिवस’ पर आयोजित यह कार्यशाला न केवल कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने में सफल रही, बल्कि यह सभी को यह समझने का अवसर प्रदान किया कि इंटरनेट का सही उपयोग किस प्रकार उनकी सुरक्षा और विकास में मदद कर सकता है।

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