दिनांक: 29 जनवरी 2025
सीतामढ़ी जिले में प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ एवं संवेदनशील बनाने, सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के त्वरित एवं प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने तथा न्याय के साथ विकास को गति देने के उद्देश्य से जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के द्वारा पंचायत स्तर पर संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं की व्यापक जांच की गई।
यह निरीक्षण जिला पदाधिकारी श्री रिची पांडेय के निर्देश के आलोक में किया गया, जिसमें हर घर नल का जल योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण सड़कों की स्थिति, शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्यान्न वितरण, पेंशन योजनाओं, मनरेगा जैसी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जमीनी सच्चाई का आकलन किया गया।
पंचायत स्तर पर सरकारी योजनाओं की जांच: एक विस्तृत रिपोर्ट
भारत सरकार एवं बिहार सरकार की विभिन्न योजनाएं पंचायत स्तर तक लाभार्थियों को सशक्त करने के लिए लागू की जाती हैं। लेकिन इन योजनाओं का सही कार्यान्वयन और जनता तक वास्तविक लाभ पहुंचाने के लिए समय-समय पर इनकी जांच अत्यंत आवश्यक होती है। इसी क्रम में, 29 जनवरी 2025 को सीतामढ़ी जिले में जिला स्तरीय वरीय पदाधिकारियों एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के द्वारा विभिन्न योजनाओं का गहन निरीक्षण किया गया।
इस निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का सही तरीके से लाभ जनता को मिल रहा है या नहीं। साथ ही, योजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं का भी पता लगाया गया।
निरीक्षण का प्रमुख उद्देश्य
इस व्यापक जांच अभियान के पीछे कुछ प्रमुख उद्देश्य थे, जिनमें शामिल हैं:
- योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन: सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अनियमितता की पहचान करना।
- जनता से संवाद: लाभार्थियों से सीधे बातचीत कर उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को समझना।
- बुनियादी सुविधाओं का आकलन: बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सेवाओं की स्थिति की समीक्षा करना।
- पारदर्शिता और जवाबदेही: सरकारी योजनाओं को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाना।
- रिपोर्ट तैयार करना: निरीक्षण के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जिला प्रशासन को सौंपना, जिससे आवश्यक सुधार किए जा सकें।
किस-किस योजनाओं की हुई जांच?
1. हर घर नल का जल योजना
राज्य सरकार की हर घर नल का जल योजना के अंतर्गत जिले के विभिन्न पंचायतों में पेयजल आपूर्ति की जांच की गई। निरीक्षण के दौरान निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दिया गया:
- पाइपलाइन की गुणवत्ता और रखरखाव
- जलापूर्ति की नियमितता
- पानी की गुणवत्ता
- ग्रामीणों की प्रतिक्रिया
कई जगहों पर पाइपलाइन क्षतिग्रस्त पाई गई, जबकि कुछ स्थानों पर जलापूर्ति में अनियमितता देखी गई। अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि जहां भी समस्याएं हैं, वहां शीघ्र सुधार कार्य किए जाएं।
2. प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
इस योजना के तहत गरीब परिवारों को पक्के मकान उपलब्ध कराए जाते हैं। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ लाभार्थियों को अभी तक मकान आवंटित नहीं हुए हैं। कई मकान निर्माणाधीन अवस्था में हैं। जिला प्रशासन ने निर्देश दिया कि लंबित आवासों को जल्द से जल्द पूर्ण किया जाए।
3. शिक्षा व्यवस्था का निरीक्षण
शिक्षा क्षेत्र में सुधार सुनिश्चित करने के लिए पंचायत स्तर पर संचालित स्कूलों का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान निम्नलिखित पहलुओं की जांच की गई:
- छात्र-शिक्षक उपस्थिति: कुछ विद्यालयों में शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति कम पाई गई।
- भवन एवं आधारभूत संरचना: कई विद्यालयों में शौचालय, पेयजल और बिजली की व्यवस्था ठीक नहीं थी।
- मिड-डे मील: भोजन की गुणवत्ता और नियमितता की जांच की गई।
अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि विद्यालयों में सभी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं और छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
4. स्वास्थ्य सेवाओं का निरीक्षण
गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों और आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया गया। इसमें निम्नलिखित बिंदुओं की जांच की गई:
- अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता
- डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति
- प्रसव केंद्रों की स्थिति
- बच्चों और गर्भवती महिलाओं को दी जा रही पोषण सेवाएं

अधिकांश प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की अनुपस्थिति एक बड़ी समस्या के रूप में उभरकर आई। जिला प्रशासन ने तत्काल इस समस्या को हल करने के निर्देश दिए।
5. मनरेगा एवं ग्रामीण सड़कों की स्थिति
ग्रामीण विकास की रीढ़ कहे जाने वाले मनरेगा योजना के अंतर्गत कराए गए कार्यों का भी निरीक्षण किया गया। इसमें निम्नलिखित मुद्दों पर ध्यान दिया गया:
- श्रमिकों को समय पर भुगतान हुआ या नहीं
- योजना के अंतर्गत किए गए कार्यों की गुणवत्ता
- ग्रामीण सड़कों की मरम्मत एवं रखरखाव
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि कुछ जगहों पर श्रमिकों को समय पर मजदूरी नहीं मिली है। इस पर तुरंत सुधार करने के निर्देश दिए गए।
6. खाद्यान्न भंडारण और वितरण की समीक्षा
गरीबों को सस्ते दरों पर राशन उपलब्ध कराने के लिए संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की भी जांच की गई। इस दौरान निम्नलिखित पहलुओं की समीक्षा की गई:
- राशन की गुणवत्ता
- लाभार्थियों को समय पर अनाज मिल रहा है या नहीं
- कोटेदारों की कार्यप्रणाली
कुछ जगहों पर अनाज की गुणवत्ता खराब पाई गई और वितरण में देरी की शिकायतें सामने आईं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए गए।
निरीक्षण के बाद प्रशासन की कार्रवाई
इस व्यापक निरीक्षण के बाद जिला प्रशासन ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान करें और अपनी रिपोर्ट जिला विकास शाखा को सौंपें।
- जहां भी योजनाओं में अनियमितता या भ्रष्टाचार पाया गया, वहां कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए।
- जिन योजनाओं का कार्य अधूरा था, उन्हें शीघ्र पूरा करने को कहा गया।
- आम जनता से फीडबैक लेने की प्रक्रिया को और मजबूत बनाने के निर्देश दिए गए।
निष्कर्ष
यह जिला स्तरीय निरीक्षण अभियान सरकारी योजनाओं की जमीनी हकीकत जानने का एक बड़ा प्रयास था। इससे यह स्पष्ट हुआ कि कुछ योजनाएं अच्छी तरह से लागू की जा रही हैं, जबकि कुछ योजनाओं में सुधार की आवश्यकता है।
इस प्रकार की जांच आगे भी नियमित रूप से की जाती रहेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सरकारी योजनाएं सही तरीके से जनता तक पहुंचें और जिले का समग्र विकास हो सके।