समाहरणालय स्थित विमर्श सभा कक्ष में जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय की अध्यक्षता में भूमि विवाद, मद्य निषेध और खनन टास्क फोर्स से संबंधित समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जिनका उद्देश्य प्रशासनिक कार्यों में सुधार लाना और जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करना था। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे भूमि विवादों को गंभीरता से लेकर उनका समाधान करें और मद्य निषेध से संबंधित कार्यों में सख्ती बरतें।
बैठक का उद्देश्य और प्रमुख मुद्दे
बैठक का मुख्य उद्देश्य भूमि विवादों, मद्य निषेध और खनन से संबंधित मुद्दों की समीक्षा करना था। जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय ने इन तीनों क्षेत्रों में सुधार की दिशा में अधिकारियों से सक्रियता की अपेक्षा की। उन्होंने विशेष रूप से भूमि विवादों को लेकर अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे संवेदनशील मामलों की पहचान करें और उनका समाधान करने के लिए गंभीर प्रयास करें। इसके साथ ही मद्य निषेध विभाग को सख्त निर्देश दिए गए कि वे इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए कठोर कदम उठाएं।
भूमि विवादों का समाधान
जिलाधिकारी ने भूमि विवादों के समाधान को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि यह प्रशासन का कर्तव्य है कि वह भूमि विवादों का समाधान त्वरित और निष्पक्ष रूप से करे, विशेषकर उन मामलों को चिन्हित किया जाए, जो संवेदनशील हो सकते हैं। इस दिशा में, जिलाधिकारी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अंचल अधिकारियों, थानाध्यक्षों और अनुमंडल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक शनिवार को अपने-अपने क्षेत्रों में भूमि विवादों से संबंधित मामलों का समाधान करें।
उन्होंने यह भी कहा कि अंचल अधिकारी और थाना प्रभारी आपस में समन्वय स्थापित कर कार्य करें ताकि भूमि विवादों का समाधान शीघ्रता से किया जा सके। इसके अलावा, उन्होंने अतिक्रमण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए, ताकि अवैध कब्जों को हटाया जा सके और भूमि का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
मद्य निषेध पर सख्त कदम
मद्य निषेध एक और महत्वपूर्ण मुद्दा था जिस पर जिलाधिकारी ने विशेष ध्यान दिया। उन्होंने मद्य निषेध विभाग को निर्देश दिया कि वह इस पर प्रभावी नियंत्रण हेतु सख्त कदम उठाए। इसके लिए औचक छापेमारी, सघन वाहन जांच और रात्रि गश्ती बढ़ाने की योजना बनाई गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि मद्य निषेध के मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और विभाग को इस पर पूरी तरह से सख्त होना होगा।
इस पर, सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे शराब की अवैध बिक्री और परिवहन पर कड़ी नजर रखें और इस पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करें। उन्होंने कहा कि मद्य निषेध से संबंधित मामलों में अधिकारियों को पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करना होगा ताकि समाज में शराब के नशे से होने वाली समस्याओं को समाप्त किया जा सके।
खनन टास्क फोर्स की भूमिका
बैठक में खनन से संबंधित मामलों की भी समीक्षा की गई। खनन टास्क फोर्स को इस बैठक में विशेष रूप से चर्चा का विषय बनाया गया। जिलाधिकारी ने खनन विभाग को निर्देश दिया कि वह अवैध खनन पर पूरी तरह से कड़ी नजर रखें और इस पर नियंत्रण लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।
खनन विभाग को निर्देश दिया गया कि वे खनन के कार्यों को पारदर्शी और कानूनी तरीके से संचालित करें, ताकि किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को रोका जा सके। इसके अलावा, खनन से जुड़े मामलों में पर्यावरण की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई, ताकि खनन कार्यों से पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे।
बैठक में उपस्थित अधिकारी
इस महत्वपूर्ण बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। एडीएम राजस्व संदीप कुमार, एडिशनल एसपी, अनुमंडल पदाधिकारी सीतामढ़ी सदर संजीव कुमार, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राम कृष्णा, जिला खनन पदाधिकारी सचिन कुमार और अधीक्षक मद निषेध सहित सभी अंचल अधिकारी और थानाध्यक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस बैठक में शामिल हुए थे।
प्रशासनिक सुधार की दिशा में कदम
इस बैठक से यह स्पष्ट होता है कि जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय प्रशासनिक सुधार की दिशा में गंभीर हैं और वे भूमि विवादों, मद्य निषेध और खनन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि वे अपने कार्यों में पूरी प्रतिबद्धता और निष्पक्षता बरतें ताकि जनता को बेहतर सेवाएं मिल सकें और समाज में कानून का शासन स्थापित हो सके।
निष्कर्ष
समाहरणालय स्थित विमर्श सभा कक्ष में आयोजित इस बैठक में जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जो प्रशासनिक कार्यों में सुधार और जनता की समस्याओं के समाधान की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होंगे। भूमि विवादों का त्वरित समाधान, मद्य निषेध पर सख्त कदम और खनन विभाग की निगरानी इन तीनों मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर जिलाधिकारी ने प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह बैठक प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक संदेश है कि वे अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाएं और जनता के हित में काम करें।