भारत में ग्रामीण विकास को सशक्त और प्रभावी बनाने के लिए पंचायतों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सीतामढ़ी जिले के विभिन्न प्रखंडों में ग्राम पंचायत प्रोग्रेस एंड फ्यूचर थिंकिंग (GPPFT) फोरम का गठन किया जा रहा है। यह पहल केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को पंचायत स्तर पर आम जनता तक पहुंचाने और उन्हें जागरूक करने के लिए की जा रही है।
इस लेख में, हम GPPFT के गठन, उसके उद्देश्यों, कार्यप्रणाली, और इसके संभावित प्रभावों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
GPPFT का उद्देश्य और महत्व
GPPFT का उद्देश्य पंचायत स्तर पर समन्वय स्थापित कर विकास कार्यों को सुचारू और प्रभावी बनाना है। यह फोरम विभिन्न सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करता है। इसका मुख्य फोकस निम्नलिखित लक्ष्यों पर है:
- शिक्षित पंचायत: पंचायत क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को सुधारना और सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना।
- फाइलेरिया मुक्त पंचायत: स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाते हुए पंचायत क्षेत्र को फाइलेरिया जैसी बीमारियों से मुक्त करना।
- घरेलू प्रसव मुक्त पंचायत: सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देने के लिए प्रसव स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करना।
- स्वस्थ पंचायत: सभी नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को सुलभ और प्रभावी बनाना।
पंचायतों में GPPFT का गठन
दिनांक 13 दिसंबर 2024 को, सीतामढ़ी जिले के रीगा, परसौनी, और बाजपट्टी प्रखंडों की पंचायतों में GPPFT का गठन किया गया। यह बैठक संबंधित पंचायत भवनों में पंचायत मुखिया की अध्यक्षता में और पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधियों के सहयोग से आयोजित की गई। बैठक में पंचायत के सभी विभागों के प्रतिनिधि, जैसे आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, पंचायत सचिव, वार्ड सदस्य, टोला सेवक, स्वच्छता दूत, जीविका सदस्य, किसान सलाहकार, ग्रामीण आवास सहायक, पंचायत रोजगार सेवक, वरिष्ठ नागरिक और अन्य विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
बैठक में हुई चर्चाएं और निर्णय

बैठक में GPPFT के उद्देश्यों और कार्यों पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें निम्नलिखित मुख्य बिंदु शामिल थे:
- GPDP में विभिन्न थीमों का चयन
ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) में शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, और रोजगार जैसी विभिन्न थीमों को प्राथमिकता दी गई। - विभागीय समन्वय
सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया गया। - VHSNC और जन आरोग्य समिति को सक्रिय करना
स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए VHSNC (Village Health, Sanitation, and Nutrition Committee) और जन आरोग्य समितियों को सुचारू रूप से चलाने पर चर्चा की गई। - पंचायत को विकसित बनाने की दिशा में कदम
पंचायत को शिक्षित, स्वस्थ, और समृद्ध बनाने के लिए वृहत योजना तैयार की गई। इसमें सभी विभागों के सहयोग से ग्राम पंचायत डेवलेपमेंट प्लान (GPDP) में इन लक्ष्यों को समाहित करने का निर्णय लिया गया।
पीरामल फाउंडेशन की भूमिका
GPPFT के गठन और कार्यान्वयन में पीरामल फाउंडेशन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनकी टीम ने पंचायतों में जागरूकता फैलाने, योजनाओं की जानकारी साझा करने, और समन्वय स्थापित करने में सहायता की। बैठक में जिला लीड प्रभाकर कुमार, प्रोग्राम लीड रोहित कुमार, दुर्गा प्रसाद सिंह, अभिषेक राज, प्रोग्राम ऑफिसर विक्रम कुमार, और गांधी फैलो अरुण कुमार और अनामिका सिंह उपस्थित थे। उन्होंने पंचायतों के विकास के लिए विभिन्न योजनाओं पर जानकारी साझा की।
GPPFT के संभावित प्रभाव
GPPFT के गठन से पंचायतों में विकास कार्यों में निम्नलिखित सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं:
- शिक्षा में सुधार
बच्चों और युवाओं को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिलेंगी। - स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाया जाएगा। - रोजगार के अवसर
पंचायत स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। - सामाजिक जागरूकता
पंचायतों में सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता बढ़ेगी, जिससे सामुदायिक विकास को बल मिलेगा।
निष्कर्ष
GPPFT का गठन सीतामढ़ी जिले में पंचायतों के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फोरम पंचायत स्तर पर समन्वय और सहयोग के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, और स्वच्छता जैसे क्षेत्रों में सुधार लाने का प्रयास करेगा।
यह पहल न केवल पंचायतों को विकसित बनाएगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता को भी बेहतर बनाएगी। पंचायत के सभी प्रतिनिधियों और नागरिकों को इस दिशा में सक्रिय भागीदारी निभानी होगी ताकि GPPFT के उद्देश्य सफल हो सकें।