राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं चेयरमैन आर. के. पाण्डेय एडवोकेट ने बताया कि जनरल बॉडी की बैठक में सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित किया गया और इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्णय लिया गया। इस वेलफेयर फंड का उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में जरूरतमंद लोगों को त्वरित सहायता प्रदान करना है।
11 सूत्रीय कार्य योजना: संगठन का विस्तार और नई पहल
जनरल बॉडी की बैठक में पारित 11 सूत्रीय कार्य योजना में कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है, जो संगठन की कार्यक्षमता और प्रभाव को और बढ़ाएंगे। इन प्रमुख बिंदुओं में शामिल हैं:
- संगठन विस्तार: संगठन को जमीनी स्तर तक विस्तारित करने की योजना।
- लक्ष्य 1111: 1111 नए सदस्यों को जोड़ने का लक्ष्य।
- प्रदेश कार्यालय की स्थापना: राज्यों में कार्यालय स्थापित कर संगठन की पहुंच बढ़ाना।
- आपात सहायता हेतु वेलफेयर फंड की व्यवस्था: जरूरतमंदों की सहायता के लिए वित्तीय व्यवस्था।
- मानवाधिकार जागरूकता अभियान: समाज में मानवाधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान।
- भ्रष्टाचार विरोधी अभियान: भ्रष्टाचार के खिलाफ ठोस कदम उठाना।
- वॉलंटियर नेटवर्क का विस्तार: अधिक वॉलंटियर्स को जोड़कर संगठन की ताकत बढ़ाना।
- डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग: संगठन की गतिविधियों को डिजिटल माध्यमों से और प्रभावी बनाना।
- विधिक सहायता प्रकोष्ठ की स्थापना: जरूरतमंदों को कानूनी सहायता प्रदान करना।
- शैक्षिक और स्वास्थ्य सेवाएं: शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में समाजसेवा को बढ़ावा देना।
- संवेदनशील मुद्दों पर कार्य: महिलाओं, बच्चों और समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा।
आपात सहायता के लिए वेलफेयर फंड: एक नई दिशा
वेलफेयर फंड की स्थापना का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में तत्काल सहायता प्रदान करना है। यह फंड उन व्यक्तियों के लिए होगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और जिन्हें तत्काल सहायता की आवश्यकता होती है। संगठन ने इस फंड के संचालन के लिए एक अलग टीम बनाने का भी निर्णय लिया है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि सहायता सही समय पर और सही व्यक्ति तक पहुंचे।
जनरल बॉडी मीटिंग: एक ऐतिहासिक कदम
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं भ्रष्टाचार नियंत्रण ब्यूरो की फाइनल कार्य योजना संबंधी जनरल बॉडी की बैठक 21 जुलाई 2025 को संपन्न हुई। इस बैठक में सभी स्तरों के पदाधिकारी, सदस्य और वॉलंटियर्स ने भाग लिया। बैठक का आयोजन प्रयागराज में किया गया और इसे संगठन के इतिहास में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष आर. के. पाण्डेय एडवोकेट ने कहा, “यह वेलफेयर फंड समाज के उन वर्गों के लिए एक संजीवनी साबित होगा, जो आपातकालीन परिस्थितियों में सहायता के लिए संघर्ष कर रहे हैं। संगठन का उद्देश्य केवल मानवाधिकार संरक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज के हर जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करना है।”
संगठन के प्रमुख वक्ताओं का योगदान
बैठक में कई प्रमुख वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए। पंडित कृष्ण कुमार तिवारी, विकास तिवारी, अखिलेश मिश्र, मुकेश कुमार, पीयूष वर्षण, वरुण सैनी, पंडित बृज गोपाल मंडल और सुमित कुमार ने जनरल बॉडी मीटिंग को संबोधित किया। सभी ने वेलफेयर फंड की स्थापना को एक क्रांतिकारी कदम बताया और इसे संगठन की सामाजिक जिम्मेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना।
संगठन की भविष्य की योजनाएं
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं भ्रष्टाचार नियंत्रण ब्यूरो ने भविष्य में और भी कई योजनाओं पर काम करने का निर्णय लिया है। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में कार्य करना शामिल है। इसके अलावा, संगठन भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाने और समाज में जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है।
समाजसेवा में संगठन का योगदान
राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने अब तक कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, जिनमें मानवाधिकार हनन के मामलों को उजागर करना, पीड़ितों को न्याय दिलाना और समाज में जागरूकता फैलाना शामिल है। संगठन का यह कदम, वेलफेयर फंड की स्थापना, इसे एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं भ्रष्टाचार नियंत्रण ब्यूरो द्वारा वेलफेयर फंड की स्थापना एक ऐसा कदम है, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। यह फंड जरूरतमंदों के लिए आपातकालीन सहायता का एक महत्वपूर्ण स्रोत बनेगा और संगठन की सामाजिक जिम्मेदारी को और मजबूत करेगा।
संगठन के इस प्रयास से यह स्पष्ट है कि वह न केवल मानवाधिकार संरक्षण में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, बल्कि समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए भी प्रतिबद्ध है। यह पहल अन्य संगठनों और समाज के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनेगी।