राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर सीतामढ़ी जिले के बेलसंड प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, मधकौल में एक विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन महिला एवं बाल विकास निगम, जिला प्रशासन सीतामढ़ी और प्रथम संस्था के सहयोग से किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बालिकाओं के अधिकारों, उनके विकास और समाज में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के प्रति जागरूकता फैलाना था।
कार्यक्रम की शुरुआत और उद्देश्य
कार्यक्रम की शुरुआत बालिकाओं के स्वागत और परिचय से हुई। मौके पर उपस्थित एसडीएम ललित राही ने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस बालिकाओं के अधिकारों और उनके विकास के लिए जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस न केवल बालिकाओं के अधिकारों की रक्षा करने का संदेश देता है, बल्कि समाज में समान अवसर प्रदान करने, बालिकाओं के प्रति हिंसा को रोकने और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की दिशा में भी काम करता है।
बालिकाओं के अधिकारों पर चर्चा
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी कंचन कुमारी गिरी ने राष्ट्रीय बालिका दिवस की थीम पर चर्चा करते हुए कहा कि बालिकाओं को सशक्त बनाना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि बालिकाओं के उज्जवल भविष्य के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोषण और लिंग भेदभाव जैसी समस्याओं को खत्म करना आवश्यक है। उन्होंने बाल विवाह, दहेज प्रथा और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों के उन्मूलन की आवश्यकता पर जोर दिया।
बालिकाओं के साथ संवाद
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बालिकाओं के साथ संवाद था। एसडीएम ललित राही और जिला प्रोग्राम पदाधिकारी कंचन कुमारी गिरी ने बालिकाओं की समस्याओं को ध्यानपूर्वक सुना और उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने बालिकाओं को शिक्षा और स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बताया और उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान
कार्यक्रम के दौरान “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” पर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की गई। एसडीएम ललित राही और डीपीओ कंचन कुमारी गिरी ने इस अभियान का शुभारंभ किया और उपस्थित लोगों को बालिकाओं के अधिकारों के प्रति जागरूक होने का संकल्प दिलाया।

विशेषज्ञों का योगदान
कार्यक्रम में सीडीपीओ बेलसंड सरिता कुमारी, महिला पर्यवेक्षिका सपना रानी, प्रथम संस्था के जिला समन्वयक सुधीर कुमार, जिला परियोजना प्रबंधक एजाजूल अंसारी, महिला एवं बाल विकास निगम के जिला मिशन समन्वयक देवजीत कुमार, लेखा सहायक, और केंद्र प्रशासक शबनम कुमारी ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इन विशेषज्ञों ने बालिकाओं के उत्थान के लिए अपने विचार साझा किए और समाज में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया।
बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए चर्चा
कार्यक्रम में बालिकाओं के सशक्तिकरण के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई। शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, और सुरक्षा जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी गई। साथ ही, बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनने और समाज में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया।
शिक्षकों और अभिभावकों की भूमिका
कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक और शिक्षिकाओं ने भी भाग लिया। उन्होंने बालिकाओं को शिक्षा और नैतिक मूल्यों के महत्व को समझाया। अभिभावकों को भी बालिकाओं की शिक्षा और विकास में अपनी भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम की सफलता और भविष्य की योजनाएं
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी लोगों ने बालिकाओं के सशक्तिकरण के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया। जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास निगम ने भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करने का वादा किया।
निष्कर्ष
राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित यह संवाद कार्यक्रम बालिकाओं के अधिकारों और उनके विकास के प्रति समाज को जागरूक करने का एक सफल प्रयास था। इस कार्यक्रम ने यह संदेश दिया कि बालिकाओं का सशक्तिकरण न केवल उनके व्यक्तिगत विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह समाज और देश के समग्र विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।