बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक का अब हरियाणा कनेक्शन सामने आ रहा है..साथ ही साथ 26 नवंबर 2023 को दो पालियों में परीक्षा होने की फर्जी सूचना फैलाई जा रही है…..

बिहार पुलिस में सिपाही भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होने के सबसे ज्यादा मामले सारण जिले में दर्ज हुए हैं। इनका हरियाणा से कनेक्शन भी सामने आया है। ऐसे में पुलिस हर एक बिंदु पर जांच को आगे बढ़ा रही है। पुलिस ने इस मामले में अब तक 148 लोगों को गिरफ्तार कर कई साक्ष्य जुटाए हैं।..बिहार पुलिस ने मंगलवार को इसका खुलासा किया है। इसमें सबसे अहम है पुलिस को पैसे के लेन-देन के सबूत मिलना। पुलिस इस मामले में ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां भी की हैं।…एडीजी हसनैन खान ने मंगलवार को इस संबंध में जानकारी देते हुए कई बातों का खुलासा किया है। उन्होंने बताया था कि एसआईटी की जांच में परीक्षा में गड़बड़ी के साथ ही वित्तीय लेन-देन के साक्ष्य मिले हैं।..एडीजी के अनुसार, अभ्यर्थियों ने यूपीआई के माध्यम से पैसों का लेन-देन किया है। पैसे कहां और किन लोगों तक गए, इसकी जांच जारी है। अभी तक इस मामले में राज्य के 21 जिलों में 67 केस दर्ज हुए हैं। इनमें 148 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सबसे अधिक कांड सारण जिले के छपरा में दर्ज किए गए हैं। बड़ी संख्या में ब्लूटूथ, वॉकी-टॉकी, मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण भी मिले हैं, जिनकी जांच की रही है।..वही नवादा और पटना में जो साक्ष्य मिले हैं, उसके अनुसार डेढ़ से दो घंटे पहले ही अभ्यर्थियों को आंसर सीट मिल गया था। जब आंसर-की दो घंटे पहले मिला है, तो निश्चित ही प्रश्न-पत्र और पहले आ गए होंगे।….यह प्रश्नपत्र सबसे पहले कहां से लीक हुआ, किसने लीक किया, इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं, इन सारे बिंदुओं की जांच EOU ने शुरू कर दी है। वही पेपर लीक में हरियाणा कनेक्शन के सवाल पर एडीजी ने बताया कि अभी तक स्पष्ट रूप सें किसी राज्य का संबंध सामने नहीं आया है।..अगर किसी राज्य में जाकर जांच करना होगा, तो उसके लिए भी टीम भेजी जाएगी। अभी मुख्यालय स्तर पर वरीय अधिकारियों की एक टीम के साथ जिलों में जाकर जांच करने वाली चार-पांच टीमें बनाई गई हैं।.. वही सोशल मीडिया पर सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा रद्द किए जाने के बाद परीक्षा ली जाने की नई तिथि 26 नवंबर का सूचना प्रसारित हो रहा था जिसे केंद्रीय चयन पर्षद ने फर्जी करार दिया..केंद्रीय चयन पर्षद के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पर्षद कार्यालय द्वारा ऐसा कोई पत्र या आदेश जारी नहीं किया गया है. इस संबंध में प्रसारित की जा रही सूचना पूरी तरह भ्रामक एवं फर्जी है. पर्षद इस फर्जी सूचना को सोशल मीडिया के माध्यम से जारी किए जाने के मामले की जांच कराएगा और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी….