जिलाधिकारी सीतामढ़ी श्री रिची पाण्डेय ने जनता दरबार में सुनी जन समस्याएँ, लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत की द्वितीय अपीलीय सुनवाई!

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सीतामढ़ी जिले के समाहरणालय में आयोजित जनता दरबार कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय ने नागरिकों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना और समाधान का आश्वासन दिया। जनता दरबार में आए परिवादियों ने विभिन्न विभागों से संबंधित मुद्दों को उठाया, जिनमें अतिक्रमण, भूमि विवाद, आपसी विवाद, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, विद्युत और पीएचईडी से जुड़े मामले शामिल थे। जिलाधिकारी ने इन समस्याओं पर तत्परता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपीलीय प्राधिकार की सुनवाई भी की गई।

जनता दरबार कार्यक्रम का आयोजन
सीतामढ़ी जिला प्रशासन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों की शिकायतों को सीधे सुनना और उनका समाधान सुनिश्चित करना था। जिलाधिकारी ने व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक परिवादी से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना।
जनता दरबार में आने वाले लोगों में ज्यादातर वे थे, जो अपनी समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर नहीं करवा पाए थे। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सभी शिकायतों का निष्पादन पूरी निष्ठा और प्रतिबद्धता के साथ किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रमुख समस्याएँ और समाधान
जनता दरबार में प्रस्तुत की गई समस्याओं में से कुछ प्रमुख मुद्दे इस प्रकार थे:

  1. अतिक्रमण और भूमि विवाद:
    कई परिवादियों ने अपने भूमि विवाद और अतिक्रमण से संबंधित समस्याएँ प्रस्तुत कीं। जिलाधिकारी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इन मामलों की गहराई से जाँच करें और संबंधित पक्षों के साथ मिलकर समाधान निकालें।
  2. सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ:
    वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन और दिव्यांगजन पेंशन जैसी योजनाओं से संबंधित शिकायतें भी सामने आईं। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि वे पात्र व्यक्तियों को समय पर लाभ पहुँचाने की प्रक्रिया सुनिश्चित करें।
  3. स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाएँ:
    स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, सड़क मरम्मत और विद्युत आपूर्ति से संबंधित समस्याएँ भी बड़ी संख्या में सामने आईं। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग और विद्युत विभाग को इन समस्याओं का शीघ्र समाधान करने के लिए निर्देशित किया।
  4. आपसी विवाद:
    आपसी विवादों के मामले भी जनता दरबार में प्रस्तुत किए गए। जिलाधिकारी ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इन विवादों को प्राथमिकता के आधार पर सुलझाएँ।

लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत सुनवाई
जनता दरबार कार्यक्रम के बाद जिलाधिकारी ने लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत द्वितीय अपीलीय प्राधिकार की सुनवाई की। इस अधिनियम के तहत शिकायतकर्ता अपनी शिकायतों का समाधान न होने पर द्वितीय अपील दायर कर सकते हैं। जिलाधिकारी ने प्रत्येक मामले की गहनता से समीक्षा की और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे समय पर इन शिकायतों का निपटारा करें।

कार्यक्रम की विशेषताएँ

  1. प्रत्यक्ष संवाद:
    जनता दरबार का मुख्य आकर्षण जिलाधिकारी का प्रत्यक्ष संवाद था। उन्होंने परिवादियों से सीधे बातचीत की और उनकी समस्याओं को समझा।
  2. समस्या समाधान की प्रतिबद्धता:
    जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी समस्याओं का समाधान समयबद्ध और निष्पक्ष तरीके से किया जाए।
  3. सामाजिक समरसता:
    इस कार्यक्रम ने प्रशासन और जनता के बीच विश्वास का सेतु बनाने का कार्य किया।

जनता दरबार के प्रभाव
जनता दरबार जैसे कार्यक्रम न केवल नागरिकों को अपनी समस्याओं को सीधे प्रशासन तक पहुँचाने का मंच प्रदान करते हैं, बल्कि प्रशासन को भी जनता की वास्तविक समस्याओं को समझने का अवसर देते हैं। सीतामढ़ी में आयोजित यह कार्यक्रम इसी दिशा में एक सकारात्मक कदम था।

भविष्य की योजनाएँ
जिलाधिकारी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों को नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा ताकि नागरिकों को अपनी शिकायतें दर्ज कराने और उनके समाधान के लिए एक सशक्त मंच मिल सके। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

निष्कर्ष
सीतामढ़ी जिले में आयोजित जनता दरबार कार्यक्रम ने प्रशासन और जनता के बीच संवाद और विश्वास को मजबूत किया। जिलाधिकारी श्री रिची पाण्डेय के नेतृत्व में इस कार्यक्रम ने समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत द्वितीय अपीलीय सुनवाई से यह सुनिश्चित हुआ कि प्रशासनिक प्रक्रियाएँ अधिक प्रभावी और जनहितैषी बनें।

इस प्रकार, यह कार्यक्रम न केवल समस्याओं के समाधान का एक मंच बना, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणाली में सुधार और जनता के विश्वास को बढ़ाने का माध्यम भी सिद्ध हुआ।

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